
शहंशाह-ए-तरन्नुम के नाम से जाने जाने वाले मोहम्मद रफी को गुजरे आज 38 बरस पूरे हो गए हैं. रफी साहब का भोपाल शहर से खास सरोकार रहा. वे दो बार भोपाल के बाले अली कॉन्सर्ट करने भी आए. रफी साहब से भोपाल के लोगों का भी खास लगाव है और आज रफी साहब के ऐसे ही दिवाने से आपकी मुलाकात कराने जा रहे हैं, जो देख भले नहीं सकते लेकिन तब भी उन्होंने रफी साहब के पुराने से पुराने कलेक्शन को संभालकर रखा है. 29 भाषाओं में रफी साहब ने गीत गाए, जिन्हें राजधानी के सैयद आरिफ अली ने संजोया है. आज रफी साहब की बरसी पर मिलिए उनके इस खास फैन से. वे बताते हैं कि उनके पास रफी साहब के गाए हुए करीब 5 हजार गानों का कलेक्शन है. वे इसे और बढ़ाने में जुटे हुए हैं. सैयद आरिफ अली कहते हैं कि रफी साहब हमेशा दूसरों की मदद करते थे, वे भी कोशिश करते हैं कि वे लोगों के कुछ काम आ सकें.
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